Lal Salaam Rajinikanth in Hindi: Aishwarya Rajinikanth is back with a new look

Lal salaam movie
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Lal Salaam Rajnikanth Film Review

रजनीकांत के मुस्लिम नेता मोइदीन भाई की बेटी ऐश्वर्या द्वारा निर्देशित यह सामाजिक रूप से प्रासंगिक नाटक की रीढ़ है।

लाल सलाम फिल्म रिव्यु :

रजनीकांत की यह फिल्म कई कारणों से 2024 की सबसे खास प्रतीक्षित फिल्मों में से एक है । सबसे पहले, इसमें निर्देशक ऐश्वर्या, रजनीकांत एक साथ लगभग आठ साल बाद वापस एक्शन में नजर आ रही हैं, और इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि ऎश्वर्य राय अपने पिता सुपरस्टार रजनीकांत को भी अब निर्देशित करती हैं। लाल सलाम, जिसमें विष्णु विशाल और विक्रांत भी हैं, इस फिल्म की कहानी क्या है यह  एक ऐसी कहानी है जो क्रिकेट और धर्म के इर्द-गिर्द घूमती रहती है और कैसे एक गाँव के लोग एक लोकप्रिय खेल का राजनीतिकरण करते हैं।

फिल्म की कहानी

ये फिल्म गांव शहरों में हो रहे हैं लगातार हिंदू और मुस्लिम को लेकर भेदभाव पर बना है। इसके बारे में कुछ कहानी अभी हम आपको बताते हैं।

विष्णु विशाल(थिरु) और मोइदीन भाई (रजनीकांत) के बेटे शम्सुद्दीन (विक्रांत) का बचपन से ही प्रतिद्वंद्वी रहे हैं और यह बात उनके गांव में क्रिकेट के मैदान तक भी फैली हुई है। मोइदीन भाई द्वारा शुरू की गई थ्री स्टार टीम, थिरु और शम्सू दोनों के साथ एक विजेता टीम थी, लेकिन थिरु की सफलता से ईर्ष्या करने वाले और गलत इरादों वाले लोगों ने उन्हें टीम से बाहर कर दिया।

थिरु प्रतिद्वंद्वी एमसीसी टीम बनाता है और दोनों टीमें गांव में विभिन्न धर्मों (हिंदू और मुस्लिम) का प्रतिनिधित्व करती हैं। इस प्रकार, गांव में मैच को भारत बनाम पाकिस्तान कहा जाने लगा, जो पहले शांतिपूर्ण सद्भाव में रह रहा था।

गांव से मुंबई

उसके बाद मोहिद्दीन भाई अपने परिवार के साथ मुंबई शहर में रहने लगते हैं और शमसू को एक भारतीय क्रिकेटर बनाकर भारत के लिए खेलते देखना चाहते हैं । लेकिन गांव में एक मैच थिरु और सैम्सू के जीवन का एक महत्वपूर्ण मोड़ बनते चला जाता है और सब कुछ अचानक से बदल जाता है । इन  दो आदमियों का क्या होता है? क्या सैम्सु आखिरकार भारत के लिए खेलता है ? , क्या मोईद्दीन भाई लड़कों की प्रतिद्वंद्विता और गांव के हिंदू मुस्लिम झगड़े को खत्म कर देते हैं चलिए इसके बारे में आगे चर्चा की गई है.

lal salaam dream | Lal Salaam Rajinikanth
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रजनीकांत मुस्लिम नेता के रूप में

फिल्म Lal Salaam Rajnikanth का पहला भाग में उसके गांव और वहां के हिंदू मुसलमान के बीच के संबंधों को व्यक्त करता है । यह थिरु और शैम्सु के बीच का प्रतिद्वंता को भी स्थापित करता है, और दूसरे भाग में हम देखेंगे की क्या रजनीकांत अपना पावर का इस्तेमाल करते हैं और कैसा प्रदर्शन करते हैं इसके बारे में

इस फिल्म में रजनीकांत को आप स्क्रीन पर एक मुस्लिम नेता मोइद्दीन भाई का किरदार निभाते हुए देखेंगे और उनके द्वारा गांव में दिए गए संवाद, उसकी व्यक्तिगत मान्यताओं को स्पष्ट रूप से प्रदर्शित करते हैं, और आज के समय में काफी सार्थक वास्तव में वे रोंगटे खड़े कर देने वाले क्षण है । यह कहानी आज के हिंदू मुस्लिम के लड़ाईया का है जिसमें एक दूसरे के खून पीने पर लोग लगे होते हैं ।

Lal Salaam Rajnikanth

मोहिद्दीन भाई कहते हैं “भारत भारतीयों के लिए हैं और मैं एक भारतीय मुसलमान हूं, मैं यहीं पैदा हुआ और मैं यही मारूंगा, यह मेरा घर है हमें जाति या धर्म की नहीं बल्कि इंसानियत की बात करनी चाहिए और इंसानियत सबसे ऊपर है जय हिंद” । इसका मतलब यह है कि रजनीकांत कहते हैं कि मानवता सबसे ऊपर है हमें अपना इंसानियत बचना चाहिए ना कि धर्म धर्म के झगड़े में फंसना चाहिए उन्होंने काफी अच्छी बात कही है ।

फिल्म में भूमिका

रजनीकांत ने एक पिता की दोहरी भूमिका को बखूबी निभाया है, जिसके अपने बेटे के लिए आकांक्षाएं होती है और एक समूह का नेता होता है जो मानता है कि धर्म या जाति के बावजूद सभी लोग एक ही होते हैं । और वह अपने कर्मों के अनुसार होते है , यहां पर इस सब का समाधान एक लड़ाई भी नहीं है इसलिए इस फिल्म की रीड रजनीकांत को माना जाता है ।

इस फिल्म में विशाल विष्णु और विक्रांत ने अपनी भूमिका को बहुत अच्छी तरह से निभाई है और वह क्रिकेटर के रूप में बहुत ही अच्छे स्वाभाविक लग रहे थे क्योंकि वे वास्तविक जीवन में भी एक क्रिकेट खेलने वाले हैं । इन्होंने इस फिल्म में काम करने के लिए दो अलग-अलग धर्म को अपनाया और दोनों को कंपेयर किया ।

Rajnikanth fight | Lal Salaam Rajnikanth
lal salaam | Lal Salaam Rajnikanth

निर्देशक

इस फिल्म का निर्देश ऐश्वर्या रजनीकांत ने एक ऐसी फिल्म बनाई है जो आज के राजनीतिक और सामाजिक माहौल में परासंगिक है । वह फिल्म इंडस्ट्री के धमाकेदार वापसी कर चुकी है और इस फिल्म की चर्चा जरूर होगी कहानी विष्णु रंगास्वामी द्वारा बेहतर ढंग से लिखी जा सकती थी कुछ बिंदुओं को स्पष्ट रूप से समझाया नहीं गया है और कुछ दृश्य को संपादित किया जा सकता था क्योंकि वह फिल्म के मूड को खराब करते हैं लेकिन यह फिल्म लोगों को काफी प्रभावशाली बनाएगा और एक दूसरे से मेलजोल में काम करेगा ।

FAQ:-

निष्कर्ष:-

इस फिल्म का मूल उद्देश्य यह दर्शाता है कि देश के अलग-अलग कोनों में जितने भी लोग होते हैं हिंदू, मुस्लिम, सिख, इसाई उन सब को आपस में एक साथ मिलकर रहने की संदेश देते हैं । जिससे लोगों में कभी अनातनी ना हो एक दूसरे को कभी भी झगड़ना ना पड़े इस संदेश को देते हुए यह फिल्म रजनीकांत जी ने अपना नया चेहरा लेकर निकाला है ।

अगर आप लोग इस फिल्म से जुड़ी और भी जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो नीचे दिए गए हैं हमारे सोशल मीडिया को आप लोग फॉलो कर ले और हमारे साथ जुड़ जाए ताकि जब भी हम कोई नई कंटेंट लिखे तो आप तक सबसे पहले पहुंच सके.

Rinku Kumar
Rinku Kumar

Rinku Kumar is a talented and aspiring blogger known for her captivating content and insightful perspectives. Born on March 20, 2002, in Janta West, Muzaffarpur, Bihar, Rinku discovered her passion for writing at an early age. Growing up in a world of ever-evolving digital media, she found herself drawn to the vast opportunities for self-expression and communication offered by the internet.

From a young age, Rinku exhibited a natural flair for storytelling and a keen interest in exploring diverse topics. She honed her writing skills through personal journals, school essays, and online platforms. As she delved deeper into the world of blogging, she realized its potential to not only entertain but also to inform, inspire, and connect with people worldwide.

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