राम! राम! जय श्री राम!
आप सभी का स्वागत है हमारे इस वेबसाइट पर इस कहानी की दुनिया में और मैं आज आपको अयोध्या नगरी की स्वरूप के बारे में वर्णन करने वाला हूं। जिसमें मैं आपको बताऊंगा कि अभी अयोध्या नगरी में इतनी शुभ समय है। इसमें प्रभु श्री राम को लेकर सालों से चली आ रही, प्रभु श्री राम की प्रतिष्ठा को लेकर 22 जनवरी 2024 को वह पूरा हो जाएगा। इसके खुशी में पूरी भारत अभी डूबे हुए हैं न जाने कहां-कहां से लोग अपने भारत देश को देखने के लिए आ रहे हैं ।
अयोध्या राम मंदिर
कहा जाता है प्रभु श्री राम मर्यादा पुरुषोत्तम थे और होगा भी क्यों नहीं उन्होंने किसी भी प्राइ स्त्री के साथ, कभी उनके समक्ष अपना सर उठाकर तक नहीं देखा और बिना देखे ही वह किसी स्त्री को माता कहकर बुलाते थे ।
इसी कारण उन्हें मर्यादा पुरुषोत्तम कहा गया। जो प्रभु श्री राम को लेकर वर्षों से तपस्या चल रही थी। सभी लोग अपने-अपने काम धाम त्याग कर मंदिर का काम में लगे हुए थे, इसी मंदिर का 22 जनवरी को प्रतिस्थापन हो जाएगा यानी कि प्रभु श्री राम का मूर्ति का स्थापना हो जाएगा और यहां पर काफी भीड़ होने वाली है लगभग 25 लाख लोग यहां पर आएंगे।
हम पूरे भारतवासियों के लिए यह जगह अयोध्या नगरी एक रौनक सा जगह बन जाएगा जो पूरे भारत में धर्म का याददाश्त रहेगा। कभी कोई प्रभु श्री राम को भूल नहीं पाएगा जब तक यह युग रहेगा तब तक यह अपना राम मंदिर भी रहेगा। हां कभी-कभी होता है कुछ आतंकवादियों की वजह से भगवान का मंदिर भी सलामत नहीं रह पाता है लेकिन जब तक हमारे देश में कुछ ऐसे नेताजी है, तब तक हमारे देश के मंदिर को कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता। मोदी और योगी यह दोनों जो है उनके सामने कोई कुछ गलत कर ही नहीं सकता है।
मैं ऐसा नहीं कह रहा हूं कि यह अपनी सत्ता के लिए ऐसा करते हैं, बल्कि बात सिंपल सी है कि इन्होंने प्रभु श्री राम के जन्मभूमि को पहचाना और से चली आ रही समस्या को खत्म किया और पुनः भगवान श्री राम की मंदिर का स्थापना की ।
कुछ राजनीति वाले नेता क्या कहते हैं?
जहां हमारे भारत के बीजेपी के नेताओं का कहना है की राम मंदिर सर्वप्रथम हमारे देश की पहचान है। वहीं कुछ नेताओं के कहना है कि यह बीजेपी के नेताओं का वोट लेने का एक नया तरीका है। अब उन नेताओं से मैं कहना चाहता हूं कि उनको अगर वोट लेना होता है तो वह क्या करते हैं। लोगों को पैसे देते हैं और उनसे अपना वोट खरीदते हैं और मैं उसी से यह सवाल भी करता हूं, की क्या तुम्हें जिसने जन्म दिया है वह एक भगवान नहीं था।
वह प्रभु श्री राम के जैसे तुम्हारे पापा नहीं थे, तो उन नेताओं के मन में कुछ ऐसे ही विचार आते हैं और कुछ ऐसे विचारबादी वाला नेता होते हैं। जिनके कारण हमारे भारत जैसे संस्कारी देश में भी दंगे प्रताप
होते रहते हैं, और इन सबका जर है यह मंदबुद्धि वाले नेता। जिसमें मैं किसी नेताओं का नाम मेंशन नहीं कर सकता हूं लेकिन एक नहीं ऐसे कई सारे नेता है,
जो अयोध्या में बन रही राम मंदिर को लेकर बेकार सी बातें की है और वहां से आए बुलावा वाले कार्ड को उन्होंने नकारा है और मैं चाहता हूं की जैसा इन्होंने किया है की राम मंदिर के कार्ड को नकारा है तो इनको भी कोई ऐसा ही जवाब दे। इनके शादी में सॉरी चाचा जी सबको दुख हो जाएगा।
उनके बच्चे का जब शादी होगा तो आप लोग इनविटेशन कार्ड को एक्सेप्ट ना करके उन्हें आप लोग कहिएगा कि हम नहीं आ सकते हैं हमारे पास समय नहीं है इन फालतू की चीजों के लिए तो काफी इनको अच्छा लगेगा है ना। चलिए फिर राजनीति की बातों को हम ज्यादा ध्यान नहीं देते हैं ।
मंदबुद्धि वाले नेता
देखिए हम ज्यादा राजनीति की बातें नहीं करना चाहते हैं, लेकिन कुछ ऐसे ऐसे दोगले राजनेता होते हैं उन सब को मजे चखने के लिए हमें कुछ लिखना भी पड़ता है। क्योंकि अगर उसे हम जवाब नहीं देंगे तो वह हम पब्लिक को बेवकूफ समझेंगे,
तो इसलिए ऐसे ऐसे दोगले मंदबुद्धि वाले नेताओं को हमें जवाब देना पड़ता है और यही एक सही तरीका भी है उन सब से बात करने का।
अगर आप राम मंदिर के लिए किसी का मदद नहीं कर सको तो कम से कम उसे रोको भी मत सही-गलत का पाठ और सही गलत का पाठ उसे ही पढ़ाओ जिसे तुम अपने पैसे दे रहे हो। जहां तुम्हारा कोई योगदान नहीं है। उसमें तुम अपना पैर मत रखो नहीं, तो तुम्हारे उसे पर को काटने के लिए बहुत सारे लोग पहले से इस सत्ता में बैठे हुए हैं ।
है ना चाचा जी!
अगर आपको हमारी इस बात का थोड़ी सी भी अहमियत लगी हो तो आप इस दोगलेपन के नतीजे से बाहर आ जाएंगे धन्यवाद राजनीति वाले मंदबुद्धि चाचा।
मुझे आप सब कमेंट करके जरूर बताइएगा इसमें से कितने सवाल का जवाब आपको पता है और हमारे साथ जुड़े रहने के लिए आप हमें फॉलो कर सकते हैं नीचे आपको एक आइकन में दिख रही होगी उसे आप क्लिक करके आलो कर देंगे आपको सभी नोटिफिकेशन आपके पास पहुंच जाएंगे। हमारे साथ जुड़े रहने के लिए धन्यवाद !