यह भारत के लिए कभी न भूलने वाला एक काला दिन था । जिसे हम चोरी चौरा कांड के नाम से जानते है, 260 लोगों की मौत हुई
महात्मा गांधी और 3 भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के नेतृत्व में चलाया गया असहयोग सितंबर 1920 से फरवरी 1922 तक चला ।
सन् 1859 से 60 तक बंगाल में हुआ नील का विद्रोह अंग्रेजी शासन के विरुद्ध किसानों का पहला संगठित और जुझारू विद्रोह था