श्री नरेंद्र मोदी का जन्म 17 सितंबर 1950 को एक छोटे से गांव में एक गरीब परिवार हुआ था । बचपन में उन्हें लोग नरिया कहकर बुलाते थे।

बचपन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अभिनय का शौक था। 2013 में लिखी गई पुस्तक 'द मैन ऑफ द मोमेंट: नरेंद्र मोदी' के अनुसार, जब वह लगभग 13-14 वर्ष के थे, तो उन्होंने स्कूल के लिए धन जुटाने के लिए अन्य स्कूली बच्चों के साथ एक नाटक में भाग लिया।

स्कूल की पढ़ाई खत्म होते ही प्रधानमंत्री मोदी संन्यासी बनने के लिए घर से भाग गए थे। इसके बाद वह पश्चिम बंगाल के रामकृष्ण आश्रम सहित देश के कई जगहों पर गए। हिमालच में कई दिन तक साधु संतों के साथ रहे।

नरेंद्र मोदी ने अपने बचपन से ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, जिसे आरएसएस कहा जाता है, से जुड़ा था। 1958 में दिवाली के दिन, गुजरात के आरएसएस के प्रथम प्रांत प्रचारक लक्ष्मण राव, जिन्हें वकील साहब कहा जाता था, ने नरेंद्र मोदी को बाल स्वयंसेवक की शपथ दिलाई थी।

प्रधानमंत्री मोदी समय के बहुत पाबंद हैं। वह तय समय पर ही सभी कामों को पूरा करने का प्रयास करते हैं। उन्हें केवल चार घंटे की नींद मिलती है। एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया कि वह अपने शरीर को स्वस्थ रखने के लिए नियमित योग करते हैं

1. मोदी      का पतंगबाजी में खूब शौक है। जब वह गुजरात में मुख्यमंत्री थे, तो उन्होंने मकर संक्रांति पर बड़ी पतंगबाजी प्रतियोगिताओं का आयोजन किया। और यह प्रतियोगिताएँ आज भी जारी हैं। उन्होंने इस कार्यक्रम में एक बार अभिनेता सलमान खान को भी आमंत्रित किया था।

संघ में प्रचारक के रूप में और फिर मुख्यमंत्री बनने तक, नरेंद्र मोदी ने अपने काम को स्वयं ही किया। वह अपने लिए खाना भी खुद ही बनाते थे। जब वह अहमदाबाद संघ कार्यालय में रहते थे, तो रोजाना वह चाय भी अपने और अन्य लोगों के लिए बनाते थे।

1975 में जब आपातकाल की घोषणा हुई, तब मोदी युवा अवस्था में थे। उस समय संघ के स्वयंसेवक के रूप में उन्होंने इसका विरोध किया। इस दौरान पुलिस से बचने के लिए उन्होंने सरदार का अवतार धारण किया था। इस तरह वह ढाई साल तक पुलिस को छकाते रहे।

1. प्रधानमंत्री      मोदी ने युवा आयु के दौरान नशे के खिलाफ अभियान भी चलाया था। कहा जाता है कि आज तक उन्होंने सिगरेट, शराब को हाथ तक नहीं लगाया। मोदी पूरी तरह से शाकाहारी हैं।

1. नरेन्द्र      मोदी जब संघ में थे, तभी से कुर्ते की बांह को छोटी करवा लेते थे। ऐसा इसलिए क्योंकि इससे कुर्ता ज्यादा गंदा नहीं होता था और आरामदायक भी रहता था। आज वही कुर्ता मोदी ब्रांड बन गया है।